पर्यावरण संरक्षण के साथ गोमाता जी का आर्थिक, औषधीय, वैज्ञानिक एवं अध्यात्मिक महत्व बताकर
गोमाता जी को भारत में पुनः आदरयुक्त स्थान दिलाना इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य है।
- बढ़ते प्रदूषण, घटते पेड़, कटती गोमाता, क्षीण होती मानवता आदि कई विकट परिस्थितियों को देखते हुए इनमें बदलाव एवं सुधार लाने हेतु इस पदयात्रा का आयोजन किया गया है।
- दिनांक 4 दिसंबर 2012 को यह पदयात्रा महाराणा प्रताप जी की समर भूमि (युद्ध भूमि) हल्दीघाटी, राजसमंद-राजस्थान से प्रारंभ हुई। यह पदयात्रा 31 वर्षो में सवा दो लाख किमी. की दूरी तय करके 51 हजार से भी अधिक गांवों, कस्बों एवं शहरों में पर्यावरण रक्षा और गौ सेवा की अलख जगाते हुए 4 दिसंबर 2043 को सम्पूर्ण भारत का भ्रमण कर पुनः हल्दीघाटी पहुंचेगी।
- पदयात्रा सर्दी, गर्मी, बरसात हर मौसम में, तीज, त्यौहार, दीपावली, होली आदि पर्वो पर भी निरंतर चलती रहती है। पदयात्रा के दौरान साल के 365 दिन प्रवचन होते है।
- पदयात्रा के दौरान प्रतिदिन 2 से 3 गांवों-कस्बों में प्रवचन होते है।
- पदयात्रा के कोई पदयात्री किसी के घर नही जाते, किसी के अतिथि नही बनते, किसी के यहां भोजन नहीं करते है।
- इस पदयात्रा के दौरान किसी से किसी भी प्रकार का दान-चंदा-दक्षिणा-भेंट-राशि नही ली जाती। यहां तक की पानी का टैंक भी पैसे देकर भरवाया जाता है।
- पदयात्रा द्वारा जगह-जगह निःशुल्क सप्तदिवसीय गो कृपा कथा की जाती है।
- अब तक पदयात्रा के परिणाम स्वरुप हजारों की संख्या में बेसहारा गोमाताओं को लोगों ने घरों में लाकर सेवा शुरु की है।
- पदयात्रा के दौरान जगह-जगह नई गौशालाओं का निर्माण हुआ है। तथा पूर्व में संचालित गौशालाओं की व्यवस्था बेहतर हुई है।
- नवयुवकों ने गोसेवा एवं पर्यावरण रक्षा के क्षेत्र में कार्य करना शुरु किया है।
- अनेक संस्थाओं ने गौ-चिकित्सालय प्रारंभ किए है।
- हजारों लोगों ने गोमूत्र पान एवं पंचगव्य का उपयोग करना शुरु किया है।
- हजारों विद्यार्थीयों ने गोमाता का दूध पीना प्रारंभ किया है।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश एवं गौ माता जी की महिमा तेज गति से जन – जन तक पहुँचाने के द्रष्टिकोण से इस अदभुद अलौकिक पदयात्रा के कार्यक्षेत्र को विस्तृत किया गया है | वर्तमान में इस पदयात्रा के पांच विभाग है |
परम तपस्वी गौभक्त संत स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज के सानिध्य में अवधुत यात्रा का सञ्चालन किया जा रहा है | अपनी प्रभावशाली वाणी से आप पिछले कई वर्षो से देश की जनता को गौ सेवा एवं पर्यावरण रक्षा के प्रति जाग्रत कर रहे है |
साध्वी दीदी जी के सानिध्य में श्याम यात्रा का सञ्चालन किया जा रहा है | पदयात्रा के दोरान इन्हें भी कठोर नियमो का पालन करना होता है |
परम गौभक्त संत गोपाल जी महाराज के सानिध्य में शिव यात्रा का सञ्चालन किया जा रहा है |
परम गौभक्त संत गोबर गोपाल जी महाराज के सानिध्य में शिव यात्रा का सञ्चालन किया जा रहा है | वर्तमान में यह पदयात्रा हरियाणा राज्य में प्रवास पर है
समय समय पर विशेष यात्रा का संचालन पदयात्रा के संतो द्वारा किया जाता है | इस यात्रा के माध्यम से दूर दराज के क्षेत्रो, स्कूलों, विशेष कार्यक्रमो में वाहन के माध्यम से संत पहुँच कर अपने ओजस्वी प्रवचनों से गौ सेवा एवं पर्यावरण के प्रति देश की जनता को जाग्रत कर रहे है |