गर्भधारण के दौरान गौमताजी की परिक्रमा का प्रभाव

Share us on

परिक्रमा में बहुत शक्ति होती है। जिसकी परिक्रमा करते है उसकी शक्ति परिक्रमाकर्ता को प्राप्त होती है। मन्दिर जाने वाले श्रद्धालु मन्दिर की परिक्रमा करते है। ब्रजभूमि में प्रतिदिन गिरिराज जी (गोवर्धन जी) पर्वत की 84 कोस की परिक्रमा असंख्य लोग करते है। नर्मदाजी की परिक्रमा करते है। शिव स्वरूप भगवान कैलाश की परिक्रमा करते है। धरती माता सूर्य देव की नियमित परिक्रमा करती है। चन्द्र देवता धरती माता की परिक्रमा करते है। आधुनिक विज्ञान कहता है कि एक छोटे से परमाणु के केन्द्र (नाभिक) के चारों ओर इलेक्ट्राॅन परिक्रमा करते हंै। तब परमाणु का अस्तित्व कायम रहता हंै। गोमाताजी के तन में 33 कोटी देवता है ‘‘सर्वेदेवा गवामंगे’’ गोमाताजी सर्वदेवमयी है। इसलिए गर्भावस्था में गोमाता जी की परिक्रमा करने से गर्भस्थ सन्तान सात्विक दैवीय शक्तियों से सम्पन्न होकर संस्कारी व वीर बनती है। पहले अलग से परिक्रमा करने की कोई आवश्यकता नहीं होती थी क्योंकि हर घर में 1-2 गौमाताएं होती ही थी। जब बहू-बेटी के पेट में बच्चा होता था तो भी वो गोमाताजी की सेवा करती ही थी। गोमाताजी का गोबर हटाती, गोमाताजी को घास जिमाती तो अपने आप परिक्रमा हो जाती थी। परिणामतः बच्चे संस्कारी होते थे। अब तो गर्भ धारण के पश्चात सीधे अस्पताल जाएंगें, चिकित्सक सब से पहले खून की जाँच करेगे और फिर खून की कमी की बात कहेगें । खून में हिमोग्लोबिन चाहिए 14 ग्राम मिलेगा 8-9 ग्राम। कम होना ही है क्योंकि गोमाताजी का पीला दूध पीने से शरीर में रक्त बढ़ता है और भैंस का सफेद दूध पीने से चर्बी (फेट) बढ़ती है। भैंस का दूध पीने वाली महिलाओं का शरीर तो बढ़ जाता हैं लेकिन रक्त की कमी अक्सर बनी रहती है। ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक रक्त बढ़ाने वाली दवाई देंगे। यह रक्त वर्धक दवाईयां ज्यादातर कत्लखानों से प्राप्त गौमाताजी एवं पशुओं के रक्त में से मूलतत्वों को निकालकर तैयार की जाती है। गर्भ में बच्चा है और माँ गोरक्त निर्मित दवाईयाँ पी रही है तो गर्भ का बच्चा आसुरीवृति का ही होगा ना। औषधि के साथ चिकित्सक की सलाह रहती है कि आराम करें। कम से कम काम करें अन्यथा गर्भ गिर सकता है। यह तो आप भी जानते है कि आराम करने वाली स्त्री दिन भर घर में क्या करेगी ? सोएगी भी कब तक….अधिकांश गर्भवती स्त्रियाँ अपनी बोरियत मिटाने के लिए टी.वी. देखेगी और टी.वी. में जो कुछ आता है उससे तो आप भी परिचित हैं। हिंसा, साजिश, मार-धाड़, अधनंगें दृश्य इन सबका प्रभाव गर्भ पर पड़ेगा ही पड़ेगा। अतः नौ मास तक प्रतिदिन गोमाताजी की सेवा और परिक्रमा अवश्य करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *