गौसेवा राष्ट्रसेवा

गोमाताजी के ईश्वरीय स्वरूप को जानने के कुछ महत्वपूर्ण प्रमाण

हमें कुछ ऐसी बातों पर विचार करना चाहिए जो हमारे ह्रदय चक्षु को खोलकर गोमाताजी के ईश्वरीय स्वरूप के दर्शन कराएगी। जरा सोचे….. ईश्वर-भगवान-परमात्मा-देवता सर्व समर्थ है ईश्वर की इच्छा के बिना तो किसी पेड़ का पत्ता भी टूट कर पृथ्वी पर नही गिरता है, फिर भी ऐसे सर्व समर्थ परमात्मा के मल-मूत्र की महिमा …

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गौमाता 84 लाख योनियों का जीव नहीं है ….. जाने क्यों ?

”तब-तब प्रभु धरि विविध शरीरा ।    हरहिं कृपा निधि सज्जन पीरा ।।’’ यह प्रभु की इस लीला का ही हिस्सा है कि सज्जनों के दुःख को मिटाकर उन्हें सुखी करने के लिए ही भगवान असंख्य गौओं का रूप लेकर पृथ्वी पर पधारें है या यूँ कहें कि शक्ति स्वरूप निराकार, निरगुण, परब्रह्म परमपिता परमात्मा …

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क्या वास्तव में आप गौमाता को माँ मानते है ?

श्री गोमाताजी को माँ मानने वालों, पूज्या गोमाताजी की जय बोलने वालों क्या आपने गोमाताजी को सचमुच माँ माना है ?…यदि हाँ तो यह सरासर झूँठ है। हाँ जब भी कोई धार्मिक आयोजन हो तब आप गोमाताजी की जय बोल लेते हो, पूजा कर लेते हो उस समय क्षण मात्र के लिए आप पूज्या गोमाताजी …

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