गौसेवा राष्ट्रसेवा

समस्याएँ अनेक किंतु समाधान सिर्फ एक – गौसेवा

आज विशेष कर भारतवर्ष के सामने बहुत सी समस्या मंडरा रही है । उनमे से कुछ इस तरह है ।हमारी आज की समस्याएँ१. देश का हर व्यक्ति निरोगी एवं आनंदमय जीवन केसे जिए२. देश से लूट तंत्र को कैसे भगाया जाये३. देश के हर ग्रामीण भाई को रोजगार कैसे मिलेगा४. देश के हर गरीब.धनी बीमार …

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श्रवण कुमार जैसा संस्कारी पुत्र प्राप्त करने के लिए माँ को क्या करना चाहिए?

जब कोई भी स्त्री गर्भधारण करती है तो घर-परिवार में आनन्द सा माहौल होता है और इस माहौल में माता-पिता परमात्मा से प्रार्थना करते हैं कि हे प्रभु हमें उत्तम सन्तान की प्राप्ति हो। जो कुल परिवार का नाम आगे बढाए और बुढ़ापे में रोटी देवे, औषधि देवे और प्रेम से सेवा करें। प्रार्थना तो …

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संतान प्राप्ति में गौमाताजी का महत्व

हम सभी जानते है कि विवाह के पश्चात 10 वर्ष निकल जाए तथा जिनके कोई सन्तान नहीं हो तो लोग उनको बाँझ कहकर पुकारते हैं, निपूता जानकर मुखदर्शन नहीं करते, परिवार वालों के ताने सुनने पड़ते हैं, ऐसे में पति-पत्नी ने सारे उपाय कर लिए हो जैसे डाॅक्टर-वैद्य, नीम-हकीम, ओझा-भोपा, तन्त्र-मन्त्र, जादू-टोना, झाड़-फूंक, साधू-सन्त, देव-तीर्थ, …

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गौ माता जी की मानव जीवन में क्यों आवश्यकता है ?

हमारे जीवन में निरन्तर दुःख क्यों बढ़ रहे हैं। आज सामान्यतया मानव की सोच बन गई है कि गाय से तो ज्यादा दूध भैंस, जर्सी, होलिस्टन आदि पशु देते हैं। भैंस तो दूध ज्यादा भी देती है और जाड़ा भी देती है। भैंस के दूध में तो फेट भी ज्यादा आती है। ओर फेट के …

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पहली रोटी नही, पहले रोटी गोमाताजी को जिमानी चाहिए।

पाप के अन्न को पवित्र करने का एक ओर साधन था गौमाता जी को प्रेम और श्रद्धा से पहले रोटी जिमाना और बाद में परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा खाना। ये परम्परा हमारे पाप युक्त अन्न को पाप मुक्त करने का सहज साधन थी। आप सोचोगे कि गोमाताजी को पहले रोटी जिमाने से पाप का …

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अधिक डीजल का उपयोग भारत को गो हत्यारा बना रहा है।

हम यदि आज से तीस-चालीस पहले की बात करें उस समय हर किसान के पास बैल भगवान हुआ करते थे। सारी खेती बैल भगवान से ही हुआ करती थी। बैल भगवान का पैर लगने के कारण अन्न का पाप स्वतः समाप्त हो जाता था। पवित्र अनाज खाने को मिलता था तो जीवन में पुण्य रहता …

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पाप के अन्न को पुण्य में कैसे बदले ?

पाप और पुण्य का मूल दाता है अन्न, जिसे आप खाते है। आजकल पवित्र अन्न तो बचा ही कहाँ है। सारे अन्न में पाप ही पाप दिखाई दे रहा है। आप सोच रहे होंगे कि हमारे अन्न में पाप कहाँ से आया तो समझिएगा- अनाज पैदा होता है खेत में और खेती बिना कीडे-मकोड़े मरे …

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इन्सान और जानवरों में क्या अंतर है ?

क्या आप जानते है भवसागर पार कराने वाली दिव्यशक्ति गोमाताजी को जब से इन्सान ने पशु समझना शुरू किया उसके बाद इन्सान और साधारण पशुओं में कोई अन्तर नहीं रह गया।आप स्वयं सोचिए आज इन्सान और जानवर में क्या अन्तर रह गया हैं? सुबह से शाम और जन्म से मरण तक जो काम आज का …

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परमात्मा को साकार रूप में भूतल पर लाने का कार्य गोमाताजी ने ही किया ….. जानते है कुछ प्रमाण

क्या आप जानते है परमात्मा को साकार रूप में गोलोक या वैकुण्ठ से पृथ्वी पर बुलाना हो या प्रतिमा रूप में भू-गर्भ से भूतल पर लाना हो तो यह काम सिर्फ गोमाताजी ही कर सकती हैं। जब रावण का आंतक पृथ्वी पर बढ़ा तब देवता व ऋषियों की पुकार को भी प्रभु ने अनसुना कर …

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गौमाता का पालन हर घर में होना चाहिए

हर घर में कम से कम एक गौमाता की सेवा अवश्य होनी चाहिए । आजकल के लोग वो भी नहीं कर सकते तो हर घर में गौ सेवा के लिए दान पात्र लगाएं और रोज कुछ ना कुछ धन उसमें अवश्य डालें… एवं महीने के अंत में किसी भी गौ सेवा संस्थान को ये दान …

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