गौसेवा राष्ट्रसेवा

‘गौ-चालीसा’

‘गौ-चालीसा’ श्री गणेश को सुमिर के, शारद शीश नवाय !गौ माँ की महिमा कहूँ, कंठ विराजो आय !! मंदमती मैं मात गौ, मुझको तनिक न ज्ञान !कृपा करो हे नंदिनी, महिमा करूँ बखान !!जय जय जय जय जय गौ माता,कामधेनु सुख शान्ति प्रदाता !!१!! मात सुरभि हो जग कल्यानी, ऋषि मुनियों ने कथा बखानी !!२!! …

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शिक्षा में गौमाता जी की उपयोगिता

बालक के पांच वर्ष पूरे होते ही की मां बाप को बच्चे को लेकर चिन्ता हो जाती है कि बच्चा पढ लिख कर आगे कैसे बढे। बच्चे को भी चिन्ता रहती है कि अधिक अंकों से उत्तीर्ण होकर जीवन को आगे कैसे बढाएं। इस चिन्ता से बाप.बेटा दोनों को चश्मा लग जाता है। आप चाहो …

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मुण्डन संस्कार में गौमाता जी की आवश्यकता

मुण्डन संस्कार यानि जड़ूला । इसमें भी गोमाता जी की उपस्थिति बहुत ही आवश्यक है। आजकल बच्चों को घोड़ी पर बैठाकर बैण्ड-बाजांे के साथ पूरे गांव में शोभायात्रा निकालते है। फिर कुछ पूजा-अर्चना करके बालक के सिर से बाल उतार लिए जाते हैं। यानि नाई द्वारा सिर मुण्डवा लिया जाता है, टकली कर देते है। …

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अन्नप्राशन संस्कार में प्रथम पंचगव्य ही क्यों ?

बच्चे को माता के दूध के अलावा बाहर का अन्न प्रारम्भ करना यानि जन्म देने वाली माँ के स्तनपान के अलावा बाहर का दूध या अन्य कोई भी वस्तु खिलाना। सामान्यतया जब बच्चे को माँ के दूध के अलावा कुछ खिलाना हो तो अधिकांश माताएं दूध में रोटी मसलकर चूरमा बनाकर थोड़ी थोड़ी मात्रा में …

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बच्चे के नामकरण में गौमाताजी की भूमिका

सूतिका स्नान के बाद बालक के नामकरण की बारी आती है। नाम रखना एक संस्कार है एक अनुष्ठान है। नाम से ही व्यापार चलता है नाम से ही शिक्षा पूर्ण होती है। नाम से ही रिश्ता तय होता है। नाम के अनुसार ही विवाह मुहुर्त निकलता है इसलिए बच्चे का नाम विधि-विधान से रखवाना चाहिए। …

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नवजात शीशु के प्रथम स्नान में गौमाता की आवश्यकता

बच्चे के जन्म के नौ, ग्यारह या इक्कीस दिन पश्चात ज्योतिष मुहुर्त अनुसार सूतीका स्नान, कुआ पूजन, सूरज पूजन, जनमा पूजन, नावण पूजन होगा। जिस दिन का मुहुर्त होता है उस दिन बच्चे को पहली बार नहलाया जाता है। आजकल कई घरों में सूतीका स्नान मुहुर्त से पूर्व ही बच्चे को नहला दिया जाता है …

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प्रसव के दौरान गौमाताजी के गोबर की आवश्यकता

नौ माह गर्भ पूरे होने के बाद प्रसव पीड़ा ( बच्चे के जन्म के समय माँ के पेट में होने वाला दर्द) शुरू होगी, तब आप अपनी बहू-बेटी-पत्नी को लेकर चिकित्सालय जाओगे। वहाँ चिकित्सक इन्जेक्शन लगाकर औषधि देकर कुछ समय इन्तजार करेगा। अगर समय रहते डिलिवरी हुई तो ठीक और नहीं हुई तो चिकित्सक आपको …

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गर्भावस्था में गौमाताजी का दूध पूर्ण आहार

गर्भावस्था में माँ को कैल्शियम, आयरन व जिन पोषक तत्वों की अधिक आवश्यकता होती हैं। वह सारे पोषक तत्व गोमाताजी के दूध में होते हैं। गौदुग्ध एक पूर्ण आहार है इसलिए गर्भावस्था में गोमाता जी का ही दूध पीना परम आवश्यक है इसके अलावा दूध को लेकर तो सर्वविदित कहावत है कि नौ माह तक …

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गर्भधारण के दौरान गौमताजी की परिक्रमा का प्रभाव

परिक्रमा में बहुत शक्ति होती है। जिसकी परिक्रमा करते है उसकी शक्ति परिक्रमाकर्ता को प्राप्त होती है। मन्दिर जाने वाले श्रद्धालु मन्दिर की परिक्रमा करते है। ब्रजभूमि में प्रतिदिन गिरिराज जी (गोवर्धन जी) पर्वत की 84 कोस की परिक्रमा असंख्य लोग करते है। नर्मदाजी की परिक्रमा करते है। शिव स्वरूप भगवान कैलाश की परिक्रमा करते …

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हाथ की चक्की का गर्भस्थ शिशु पर प्रभाव

सामान्यतया हाथ की चक्की को केवल आटा, दलिया, दाल बनाने का साधन समझा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। आटा, दलिया, दाल तो बाजार में बना बनाया भी मिलता है। अथवा विद्युत या डीजल से चलने वाली चक्की से भी यह सब बनाया जा सकता है। लेकिन हाथ की चक्की जब घूमती है तो उसमें …

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